इन 4 तरीकों से श्वसन प्रणाली को बनाएं मजबूत, संक्रमण रोकने में होंगे सक्षम

इन 4 तरीकों से श्वसन प्रणाली को बनाएं मजबूत, संक्रमण रोकने में होंगे सक्षम

सेहतराग टीम

कोरोना वायरस ने इस समय पूरे विश्व में पैर पसार चुका है। इसकी वजह लगातार मौत होती चली जा रही हैं, जिसको लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने महामारी घोषित कर दी है। वैसे यह वायरस उन लोगों पर ज्यादा असर करता है जिनका फेफ़ड़ा कमजोर होता है। ये हम नहीं बल्कि हाल ही में आए एक अध्ययन में यह बात कही गई है। शोध में कहा गया है कि जिन लोगों के फेफड़े कमजोर होते हैं उनको कोरोना वायरस जैसे खतरनाक वायरस का ज्यादा खतरा रहता है। इन वायरस की वजह से लोगों को सांस की समस्या होती है। सांस की समस्या को डिस्पेनिया के रुप में भी जाना जाता है। वहीं जब यह समस्या होती है तो लोग रेस्पिरेटरी हाइजीन को लेकर जागरुकता फैलाते हैं। यह जागरुकता इस विषय पर होती है कि अचानक छींक आए तो क्या करें और किस तरीके से अपना मुंह ढकें, जिससे और लोगों को परेशानी ना हो। फिलहाल आइए जानते हैं कि आखिर शोध में क्या कहा गया है।

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शोध के अनुसार कोरोना वायरस रेस्पिरेटरी सिस्टम से जुड़ी परेशानी है। यह सीधे तौर पर फेफड़े को इफेक्ट करता है। ऐसी स्थिति को सीओपीडी से जाना जाता है। इसमें लंबे समय तक सांस लेने में तकलीफ होती है। अगर किसी को पहले से ही ऐसी समस्या है तो उसके लिए यह वायरस काफी खतरनाक है। यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के इंस्टीट्यूज फॉर ग्लोबल हेल्थ के वेजेश जैन जिन्होंने इस काम के सह नेतृत्व किया है, उनके अनुसार ऐसे लोगों पर डॉक्टर और स्वास्थ्य अधिकारियों को ज्यादा ध्यान देना चाहिए और उन्हे इलाज के लिए प्राथमिकता भी देनी चाहिए। यही नहीं उन्होंने बताया कि कोविड-19 सांस की समस्या को उत्पन्न करने वाला वायरस है। यह गंभीर स्थितियों में सांस और फेफड़ों को खराब करने का कारण बनता है। इस वायरस के सबसे आसान और आम लक्षण बुखार और खांसी है।

आपको बता दें कि इस शोध में चीन के सात छोटे अध्ययनों के परिणामों का भी उल्लेख किया गया है और उन अध्ययनों को विस्तार से इस शोध में बताया भी गया है। इस काम के लिए कुल 1813 मरीजों को शामिल किया गया था, जो कोरोना वायरस से पीड़ित थे। उन सभी में देखा गया कि वह सांस की समस्या से परेशान है और उन्हें ज्यादा देख भाल कि जरुरत है।

चीन से फैले कोरोना वायरस ने अबतक करीब 166 देशों में अपना पैर पसार चुका है। यही नहीं इसका प्रकोप दिन प्रतिदिन बढ़ता चला जा रहा है जिसको देखते हुए स्वास्थ्य विभाग लगातार इससे बचने के लिए एडवाइजरी जारी कर रही है। उन एडवाइजरी में साफ-सफाई को लेकर ज्यादा ध्यान देने को कहा गया है। उसके अनुसार संक्रमण से बचने के लिए मास्क पहनने, सैनिटाइजर के प्रयोग से हाथ धुलने के लिए करना चाहिए। यही नहीं इस वायरस से बचने के लिए स्वच्छ सांस लेनी चाहिए। वहीं यह वायरस बहुत तेजी से फैल रहा है। यह हवा में भी फैलता है। इसलिए इसे रोकने के लिए लोगों से दूरी बनाना ही उचित है। ऐसे में आइए जानते हैं कि क्या करने से वायरस फैलाने के स्रोत में कटौती कर सकते हैं।

लगातार बढ़ते कोरोना के प्रकोप को देखते हुए ज्यादा से ज्यादा भीड़ भाड़ वाले इलाके में ना जाने का फैसला ही उचित है। वहीं अगर आपको अचनाक छींक या खांसी आती है तो आप अपने मुंह को हाथ से ढकने की बजाए कोहनी से ढक लें। यह सबसे अच्छा तरीका है। इस दौरान आप रुमाल के प्रयोग से बचे क्योंकि रुमाल बैक्टीरिया और वायरस के प्रजनन के लिए एक स्थान बना सकता है। इसलिए रुमाल से अच्छा है आप टिशू पेपर का इस्तेमाल करें। यह वायरस को उत्पन्न नहीं होने देगा। वैसे भी टिशू एक बार प्रयोग करके आप उसे फेंक देगें तो अगर वायरस उत्पन्न होता भी है तो आपको उससे खतरा नहीं होगा। लेकिन उसके लिए टिशू को फेंकने के बाद आपको अपने हाथ को साबून या सैनिटाइजर से धूलना होगा।

 

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